Monday 7 November 2011

tum ho nanhe se bete

तुम हो इक नन्हे से बेटे
मेरी आँखों के तारे
बस यही चाहती हूँ
मैं कि
तेरे अरमान हों पूरे सारे
जब तू चले ज़मीन पर
नभ भी तेरे आगे झुके.
तुझे देख कर मेरी जान कभी
कोई आफत न रुके
चली जाये वोह कहीं और
कर ले कहीं और बसेरा
तेरे लिए रात न हो काली
बस हो चमकता सवेरा
तू है भी नादान
तू है अभी अनजान
जाने न तू अभी दुनिया
क्यों रहती है परेशान
मेरी दुआ तो बस यही है
कि खुशियाँ तमाम तुझे मिले
कभी तेरे दिल मैं दर्द का अँधेरा न जले
तेरी यह शैतानी तेरी यह मुस्कराहट
रहे यूँ बरकरार
और मैं जी भर के
करती रहूँ
तुझे प्यार






3 comments:

  1. This is full of motherhood. Simply awesome

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  2. I completely agree with Mr. Vaibhav Maitreya... full of love and affection... :)

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