Tuesday 18 September 2012

सुन लिया मैंने जो तू ने कहा भी नहीं

सुन लिया मैंने जो तू ने कहा भी नहीं 
चाहते हो तुम भी वही 
चाहते हैं हम भी वही 

प्यार की दौलत है तेरे पास बे शुमार 
फिर क्यों करता है अपना  दिले बेकरार 
आयेंगे वोह दिन प्यार भरे लौट के 
घर लौटेंगे जब वोह प्यार से भटके 
उनको न कहना 
जो सुन भी न पाएं 
तेरे दिल की मासूम  धड़कन 
तेरे दिल की बात 
क्योंकि 

सुन लिया मैंने जो तू ने कहा भी नहीं 
चाहते हो तुम भी वही 
चाहते हैं हम भी वही 



क्या हुआ जो हम साथे में नही  हैं 
क्या हुआ गर ठीक हाल़ा त नहीं हैं 
बरसेंगे बादल फिर से झमाझम 
रहोगे तुम मेरी रूह में हरदम 
बन कर एक छोटी सी प्यास 
मुझे कुछ  न कहना 
अब तो चुप ही रहना 
लग जाए न  की   
बेपाक़  नज़र 
हो जीये कहीं ख़तम 
यह अधूरा सा सफ़र 

क्योंकि 

सुन लिया मैंने जो तू ने कहा भी नहीं 
चाहते हो तुम भी वही 
चाहते हैं हम भी वही 






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