आज फिर से लगा की
साथ तुम ही थे मेरे
जिससे थे मैंने
जन्मों के बंधन जोड़े
आज आँखों में थी
वही प्यार वाली बात
जब चुराया था तूने
मेरा हर जज़्बात
की तुम ही तो हो
जिसे मैंने था चाहा
तुम्ही जिसने भरकर
फिर बाहों में उठाया
तुम्ही ने मांग मैं
सिन्दूर भी था डाला
और फिर मैंने
तुमपर सब वार डाला
न जाने कहाँ थे
अब तक तुम साथी
क्या वहां तुम्हे
मेरी याद न सताती
की ऐसे था थामा
तुमने पहली बार
वोह बारिश का लम्हा
वोह तनहा सी रात
आज लौटे हो
जैसे कोई अजनबी थे
मेरी जान तुम तो
कही मुझमे ही थे
न जाना अब कभी
मुझे फिर से तनहा छोड़
की आ भी पाओ
हमे पा भी न पाओ
की रह जाए इक
सन्नाटे का मोड़
क्योंकि
वोह नन्ही सी लड़की
जिसने दिल दिया था
छुपी है अभी भी
किसी कोने में
ही
साथ तुम ही थे मेरे
जिससे थे मैंने
जन्मों के बंधन जोड़े
आज आँखों में थी
वही प्यार वाली बात
जब चुराया था तूने
मेरा हर जज़्बात
की तुम ही तो हो
जिसे मैंने था चाहा
तुम्ही जिसने भरकर
फिर बाहों में उठाया
तुम्ही ने मांग मैं
सिन्दूर भी था डाला
और फिर मैंने
तुमपर सब वार डाला
न जाने कहाँ थे
अब तक तुम साथी
क्या वहां तुम्हे
मेरी याद न सताती
की ऐसे था थामा
तुमने पहली बार
वोह बारिश का लम्हा
वोह तनहा सी रात
आज लौटे हो
जैसे कोई अजनबी थे
मेरी जान तुम तो
कही मुझमे ही थे
न जाना अब कभी
मुझे फिर से तनहा छोड़
की आ भी पाओ
हमे पा भी न पाओ
की रह जाए इक
सन्नाटे का मोड़
क्योंकि
वोह नन्ही सी लड़की
जिसने दिल दिया था
छुपी है अभी भी
किसी कोने में
ही
Behad khoobsurat hai
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