कुछ थम सा गया है आज
आज न चाहकर भी रो पड़े हम
हम रुक से गए
गए थे अपने ही हमे छोडके
छोडके अगर जाना ही था
था क्यूँ थामा हमारा हाथ
हाथ अब छूट ही गए तो
तो बनेगी कैसे अपनी बात
बात बन तो जाती मगर
मगर हर बार आ ही जाता
जाता है इक पलछिन पल
पल जो हमें जीने न दे
दे न हमे मरने की इजाज़त
इजाज़त मिल तो जाती पर
पर कुछ थम सा गया है आज
आज न चाहकर भी रो पड़े हम
हम रुक से गए
गए थे अपने ही हमे छोडके
छोडके अगर जाना ही था
था क्यूँ थामा हमारा हाथ
हाथ अब छूट ही गए तो
तो बनेगी कैसे अपनी बात
बात बन तो जाती मगर
मगर हर बार आ ही जाता
जाता है इक पलछिन पल
पल जो हमें जीने न दे
दे न हमे मरने की इजाज़त
इजाज़त मिल तो जाती पर
पर कुछ थम सा गया है आज
nyc 1 ma'am :)
ReplyDeletekya baat hai....kya lay hai....
ReplyDelete