मेरी तस्वीर नहीं तेरी आँखों में शायद ,
पर कुछ यादें तो ज़रूर रह जाएँगी |
याद रहे न रहे तुझे हम लेकिन
तेरी कशिश हमें रुलायेगी |
आगे ज़िन्दगी बहुत पड़ी है,
मेरी भी और तुम्हारी भी |
कभी तो मिलोगे किसी मोड़ पर तुम
कहानी और ख़ास बन जाएगी |
वक़्त का क्या है,
पलटे कहीं भी ,
वो भी तुम्हारे जैसा है
कभी तो वक़्त हमारा होगा
और घड़ी रुक जाएगी |