कहाँ हो तुम
ढूँढती हूँ तुम्हे मैं हर पल
अभी कल की ही तो बात लगती है
जब हँसते थे तुम मुझे देखकर
खाली भरी आँखों में
प्यार सा भरा था ,
एक सैलाब सा भरा था
छोड़ कर जब गए थे,
छोटी सी आँखों में आसूं भी दिखे थे मुझे
हैरान सी हूँ क्या तुम वही हो
भेजती हूँ कई पैगाम
पर खाली चिट्टी वापिस लौट आती है
तेरे उस प्यार को इक झूठ बता जाती है
अभी भी जब तुमने चाहा था उस रोज़
तब तो बात की थी प्यार से ही
फिर अचानक अगले ही दिन
फिर वही ख़ामोशी सी थी
एक छट पटाहट एक बेचैनी
जो थी तुझमे मेरे लिए
लगता' है उसकी
अब कोई और वजह है ,
मेरे ही पढाई गए पाठ
,अब खुद मुझ पर ही भारी हैं
काश तुम होते मेरे टीचर
और मैं एक स्टूडेंट
लगा तो पाती
कुछ और नया लॉजिक
यह यादें ही बचीहैं अब
न जाने बस कब तक
ढूँढती हूँ तुम्हे मैं हर पल
अभी कल की ही तो बात लगती है
जब हँसते थे तुम मुझे देखकर
खाली भरी आँखों में
प्यार सा भरा था ,
एक सैलाब सा भरा था
छोड़ कर जब गए थे,
छोटी सी आँखों में आसूं भी दिखे थे मुझे
हैरान सी हूँ क्या तुम वही हो
भेजती हूँ कई पैगाम
पर खाली चिट्टी वापिस लौट आती है
तेरे उस प्यार को इक झूठ बता जाती है
अभी भी जब तुमने चाहा था उस रोज़
तब तो बात की थी प्यार से ही
फिर अचानक अगले ही दिन
फिर वही ख़ामोशी सी थी
एक छट पटाहट एक बेचैनी
जो थी तुझमे मेरे लिए
लगता' है उसकी
अब कोई और वजह है ,
मेरे ही पढाई गए पाठ
,अब खुद मुझ पर ही भारी हैं
काश तुम होते मेरे टीचर
और मैं एक स्टूडेंट
लगा तो पाती
कुछ और नया लॉजिक
यह यादें ही बचीहैं अब
न जाने बस कब तक